नई दिल्ली: भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए विशेषज्ञों की एक टीम ने टाइप 2 डायबिटीज की प्राथमिक रोकथाम (Primary Prevention of Diabetes) के लिए एक तीन-चरणीय कार्ययोजना (Three-Step Implementation Plan) तैयार की है।
इस नई गाइडलाइन के तहत स्क्रीनिंग, मधुमेह पूर्वावस्था (Intermediate Hyperglycemia) की पहचान और व्यक्तिगत हस्तक्षेप (Personalized Intervention) को प्राथमिकता दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सरल लेकिन प्रभावी तरीका चिकित्सकों को उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें जागरूक करने और उपचार प्रदान करने में मदद करेगा।
भारत में डायबिटीज: तेजी से बढ़ती समस्या
भारत में डायबिटीज (Diabetes) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है।

2023 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगभग 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज के शिकार हैं, जबकि लाखों लोग मधुमेह पूर्वावस्था (Prediabetes) से ग्रसित हैं। इस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्राथमिक रोकथाम जरूरी है।
तीन-चरणीय कार्ययोजना क्या है?
विशेषज्ञों की इस नई कार्ययोजना में तीन मुख्य चरण शामिल हैं:
1. स्क्रीनिंग (Screening) – जोखिम की पहचान
डायबिटीज की रोकथाम (Diabetes Prevention) के लिए सबसे पहला कदम जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान करना है। इस चरण में डॉक्टर निम्नलिखित मानकों के आधार पर रक्त परीक्षण (Blood Test) और अन्य स्क्रीनिंग करते हैं:
- परिवार में डायबिटीज का इतिहास (Family History of Diabetes)
- अधिक वजन या मोटापा (Obesity)
- शारीरिक निष्क्रियता (Physical Inactivity)
- हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल (High Blood Pressure & Cholesterol)
- गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes) का इतिहास
- धूम्रपान और शराब का सेवन (Smoking & Alcohol Consumption)
क्या करें:
- एचबीए1सी (HbA1c), फास्टिंग ब्लड शुगर (Fasting Blood Sugar) और ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Glucose Tolerance Test) जैसे टेस्ट नियमित रूप से कराएं।
- 40 वर्ष की उम्र के बाद हर साल डायबिटीज स्क्रीनिंग अनिवार्य होनी चाहिए।
2. मधुमेह पूर्वावस्था की पहचान (Diagnosis of Intermediate Hyperglycemia)
यदि किसी व्यक्ति में ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक लेकिन डायबिटीज स्तर से कम होता है, तो उसे मधुमेह पूर्वावस्था (Prediabetes) कहा जाता है।
लक्षण:
- अत्यधिक प्यास और भूख लगना
- थकान और कमजोरी महसूस होना
- बार-बार मूत्रत्याग (Frequent Urination)
- पैरों और हाथों में झुनझुनी या सुन्नपन
इस चरण में सही समय पर जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Modification) और नियमित जांच से डायबिटीज को टाला जा सकता है।
3. व्यक्तिगत हस्तक्षेप और जीवनशैली में सुधार (Personalized Intervention & Lifestyle Changes)
डायबिटीज को रोकने के लिए सही खानपान, व्यायाम और दवा का संयोजन आवश्यक है।
आहार में परिवर्तन (Dietary Modifications)

- चीनी और प्रोसेस्ड फूड से बचें
- अधिक फाइबर युक्त भोजन करें जैसे कि फल, सब्जियां और साबुत अनाज
- प्रोटीन और हेल्दी फैट को आहार में शामिल करें
- सोडा, कोल्ड ड्रिंक और पैकेज्ड फूड से दूरी बनाएं
नियमित व्यायाम (Regular Exercise)
- प्रतिदिन 30-45 मिनट तक व्यायाम करें
- तेज चलना (Brisk Walking), योग (Yoga) और एरोबिक्स (Aerobics) फायदेमंद होते हैं
- वजन कम करने से इंसुलिन संवेदनशीलता (Insulin Sensitivity) बढ़ती है
तनाव प्रबंधन (Stress Management)
- ध्यान (Meditation) और प्राणायाम (Pranayama) करें
- नींद का विशेष ध्यान रखें (7-8 घंटे की नींद जरूरी)
- अत्यधिक मानसिक दबाव और चिंता से बचें
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
विशेषज्ञों के अनुसार, यह तीन-चरणीय कार्ययोजना भारत और अन्य एशियाई देशों में डायबिटीज के बढ़ते खतरे को रोकने में कारगर साबित हो सकती है।
डॉ. राजेश गुप्ता, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (Diabetes Specialist) का कहना है,
“डायबिटीज को रोकने का सबसे अच्छा तरीका जीवनशैली में सुधार है। यह नई गाइडलाइन चिकित्सकों और आम लोगों के लिए उपयोगी होगी।”
सरकार और स्वास्थ्य संगठनों की भूमिका
भारत सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां डायबिटीज नियंत्रण कार्यक्रमों (Diabetes Prevention Programs) को बढ़ावा दे रही हैं। आयुष्मान भारत योजना, राष्ट्रीय मधुमेह नियंत्रण कार्यक्रम (National Diabetes Control Program) और स्वास्थ्य शिविर जैसी पहल इस दिशा में कारगर साबित हो सकती हैं।

निष्कर्ष
डायबिटीज को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन सही समय पर स्क्रीनिंग, मधुमेह पूर्वावस्था की पहचान और व्यक्तिगत जीवनशैली सुधार से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
यदि आप या आपका कोई करीबी डायबिटीज के खतरे में है, तो इस तीन-स्तरीय कार्ययोजना को अपनाकर अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
आप क्या कर सकते हैं?
✔ नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
✔ स्वस्थ आहार और व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
✔ मधुमेह के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
👉 इस महत्वपूर्ण जानकारी को दूसरों तक जरूर पहुंचाएं और डायबिटीज से बचाव के लिए जागरूकता बढ़ाएं।