साइबर ठग चढ़ा पुलिस के हत्थे , टेलीग्राम के माध्यम से ग्रुप में जोड़कर लोगों से करता था ठगी।

साइबर ठगी | Khabrain Hindustan | Telegram

सिरसा पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण के दिशा निर्देशानुसार कार्रवाई करते हुए जिला की साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन टीम ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए एक साइबर ठग को राजस्थान के नागौर क्षेत्र से काबू करने में बड़ी सफलता हासिल की है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन प्रभारी इंस्पेक्टर जसवीर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान जितेंद्र कुमार पुत्र हरेंद्र कुमार निवासी गांव गोटन जिला नागौर, राजस्थान के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है, और रिमांड अवधि के दौरान उसके दो अन्य साथियों की  भी पहचान कर ली गई है, जिनको भी शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन थाना प्रभारी ने बताया कि शहर सिरसा के सेक्टर 19 हुड्डा निवासी पवन कुमार  को टेलीग्राम के माध्यम से जोड़कर स्काई स्कैनर ऐप पर  टास्क पूरा करने तथा मोटे मुनाफे के नाम पर करीब 5,84 269 रुपए की ठगी की गई थी।

थाना प्रभारी ने बताया कि  टास्क पूरा करने के नाम पर पहले और दूसरे दिन करीब 6/7 हजार रुपए पवन कुमार के बैंक खाते में डाले गए । थाना प्रभारी ने बताया कि पवन कुमार लालच में आ गया और उसने बीती 2 फरवरी से लेकर 5 फरवरी के बीच की अवधि के दौरान करीब 5,84,269 रुपए बताए गए  अलग-अलग बैंक खातों में डाल दिए।

थाना प्रभारी ने बताया कि साइबर ठगों ने बाद में पीड़ित पवन कुमार से टेलीग्राम के माध्यम से मैसेज किया कि आपका टास्क पूरा नहीं हुआ है, इसलिए राशि प्राप्त करने के लिए 11 लाख रुपए और जमा करवाए। थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति ने ठगी होने के बाद साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई ।

  जब यह मामला पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण के संज्ञान में आया तो, उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम का गठन कर आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण के निर्देश पर गठित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए आरोपी जितेंद्र को  गांव गोटन, राजस्थान क्षेत्र में दबिश देकर काबू कर लिया। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण की ओर से आमजन को भी आगाह किया गया है, कि लोभ-लालच में आकर न तो किसी के खाते में पैसे डलवाए और ना ही अन्य व्यक्ति से अपनी बैंक डिटेल  सांझा करें ।

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