टिकट की चाह बिना संदीप सिंवर शेरपुरा कर रहे पार्टी की सेवा

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अन्ना हजारे के आंदोलन के समय से आम आदमी पार्टी में हैं सक्रिय

सिरसा, 9 सितंबर। एक तरफ जहां लोग राजनीति में चार दिन काम करने के बाद टिकट की चाह रखने लगते हैं वहीं कुछ ऐसे चेहरे भी हैं।

जो वर्षों तक पार्टी में सेवा करने के बाद भी टिकट की चाह नहीं रखते। जी हां हम बात कर रहे हैं युवा नेता संदीप सिंवर शेरपुरा की। जो अन्ना हजारे के आंदोलन में दिल्ली में सक्रिय रहे।

उसके बाद आंदोलन से जब आम आदमी पार्टी की उपज हुई तो उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। तब से ही संदीप सिंवर शेरपुरा आम आदमी पार्टी में सक्रियता से भूमिका निभा रहे हैं पर अब तक पार्टी से टिकट की मांग नहीं की।

संदीप सिंवर शेरपुरा के बारे में अगर पार्टी में विभिन्न पदों पर किए गए कार्यों की तो वे आप के जिला अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में सिरसा लोकसभा के उपाध्यक्ष हैं।

इसी प्रकार चुनावी ड्यूटियों के तहत आम आदमी पार्टी के दिल्ली के पहले चुनाव में बिजवासन विधानसभा में इलेक्शन इंचार्ज की भूमिका में  काम किया।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में सिरसा जिला ऑब्जर्वर के तौर पर पार्टी प्रत्याशी के लिए चुनावों में ड्यूटी निभाई। उसके बाद 2015 के चुनावों में तिमारपुर विधानसभा में एक महीने तक काम किया।

वर्ष 2017 में पंजाब विधानसभा में तलवंडी साबो हलके में एक महीने तक काम किया। वर्ष 2017 में ही दिल्ली एमसीडी चुनावों में वार्ड नंबर 47 विधानसभा घोंडा में इलेक्शन ऑब्जर्वर के तौर पर सीएम हाउस से मिली जिम्मेदारी निभाई।

इसी प्रकार वर्ष 2019 के दिल्ली विधानसभा के पार्टी के तीसरे चुनावों में बाबरपुर विधानसभा में एक महीने तक गोपाल राय के लिए काम किया।

वर्ष 2022 पंजाब विधानसभा में तलवंडी साबो हलके में एक महीने तक काम किया । वर्ष 2022 पंजाब विधानसभा चुनावों में ही पार्टी हाईकमान के इमरजेंसी आदेश के तौर पर गुरदासपुर जिले की दीनानगर सीट के काउंटिंग के वक्त पार्टी हाईकमान के एजेंट के तौर पर काम किया।

इसके अलावा 30 अक्टूबर 2012 में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ इंडिया अगेंस्ट करप्शन में अरविंद केजरीवाल के प्रोग्राम में मानेसर में सिरसा से दो दर्जन किसान साथियों के साथ प्रोग्राम में शिरकत की।

बात अगर सामाजिक गतिविधियों की करें तो संदीप सिंवर शेरपुरा ने 2016 में सिरसा जिला में सफेद मक्खी के कारण कॉटन

की बर्बाद फसलों के मुआवजे के लिए 33 दिन आंदोलन करके सिरसा के किसानों को 320 करोड़ का मुआवजा के दिलवाने

का काम किया व 2018 में किसान महासंघ के आह्वान पर गांव बंद आंदोलन में पूरे सिरसा जिला में गांव गांव घूम घूमकर

फसलों की उचित खरीद के लिए आंदोलन किया । जून 2020 को किसान विरोधी तीनों काले कानूनों के अध्यादेश आने के बाद

से लेकर पूरे डेढ साल आंदोलन खत्म होने तक किसान आंदोलन में जिला सिरसा की तरफ से नेतृत्व की भूमिका निभाई व

साल 2018 में चिट्टे के नशे के खिलाफ जिले में आंदोलन किया। अन्ना आंदोलन से इंडिया अगेंस्ट करप्शन से लेकर पार्टी बनने

के हर सफर में संस्थापक शीर्ष नेतृत्व के आदेशों के तहत हर ड्यूटी के लिए हमेशा तैयार रहे हैं।

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