सिरसा, 2 जून। लोकसभा चुनावों के दौरान सुबह से देर रात तक लोगों के बीच में रहने वाले नेता चुनाव के बाद से गायब हो गए है।
कई नेताओं का तो यह भी पता नहीं कि वे कहां पर है। अगर किसी को मिलना है तो उसको स्टीक जानकारी नहीं मिल रही।
करीब दो माह तक मतदाताओं की जय-जयकार कर रहे नेताओं ने गिरगट की तरह रंग बदलने में देरी नहीं की।
चार जून को मतगणना है। उस दिन सभी नेता निकलकर आएंगे। जीतने वाले की जीत की खुशी में जश्न मनाए जाएंगे तो हारने वाले को कार्यकर्ताओं की तरफ से ढांढस बंधाई जाएगी और हार के कारणों पर सभी अपनी अपनी राय देंगे।
यह सब होने के एक-दो दिन बाद ही नेता लोग फिर से गायब हो जाएंगे और फिर लंबे समय तक लोगों के बीच में नजर नहीं आएंगे। यह नेता लोगों का पुराना दस्तूर है।
या यूं कहें कि अब उन्हें जनता से कोई मतलब नहीं रहा तो भी कोई गल्त नहीं होगा। जब फिर जरूरत पड़ेगी तो आ जाएंगे। जनता का क्या जनता तो मान ही जाएगी।
अगर बात हरियाणा के सिरसा की करें तो यहां पर बीजेपी के प्रत्याशी डॉ. अशोक तंवर चुनाव होने के बाद भी लोगों में जा रहे है।
वे लोगों का धन्यवाद कर रहे है। उनके अलावा कोई नेता पब्लिक में कम ही दिखाई दिए है।