किरण चौधरी या श्रुति चौधरी राज्य सभा के लिए बन सकती है बीजेपी की उम्मीदवार
चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू एवं तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कांग्रेस छोडक़र बीजेपी का दामन थाम लिया है। पार्टी छोडक़र दूसरी पार्टी में जाने पर विधायकी से इस्तीफा देना पड़ता है।
किरण चौधरी इस्तीफा नहीं देंगी ऐसी चर्चाएं हैं। यह बीजेपी की मेगा प्लानिंग का हिस्सा है। इस प्लानिंग के तहत बीजेपी राज्यसभा सीट में फायदा लेना चाहेगी।
इसके साथ ही यदि मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट भी कराया जाता है तो भी विधानसभा में भाजपा बहुमत में दिखेगी।
फिलहाल ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि किरण चौधरी या श्रुति को भाजपा हरियाणा से हाल ही में खाली हुई एक राज्यसभा सीट के लिए आगामी कुछ दिनों में होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार बना सकती है।
इससे पहले राज्यसभा के लिए कैप्टन अभिमन्यु, कुलदीप बिश्नोई, रामबिलास शर्मा भी दौड़ में हैं। बता दें कि दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक से लोकसभा चुनाव जीता है जिसके बाद उनकी राज्यसभा की सीट रिक्त हो गई है।
हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि किरण या श्रुति के अलावा भी पार्टी कोई अन्य उम्मीदवार बनाती है तो भी बीजेपी, कांग्रेस के मुकाबले मजबूत स्थिति में रहेगी।
कानूनी विश्लेषकों के अनुसार बीजेपी ने रणनीति के कारण किरण से इस्तीफा नहीं दिलवाया है। अगले कुछ दिनों में हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा सीट के उप चुनाव में मतदान की आवश्यकता होती है तो उस परिस्थिति में किरण सदन में कांग्रेस विधायक रहते हुए भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकती है।
इसका कारण यह बताया जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने विधायकों को वोटिंग के संबंध में निर्देश देने के लिए व्हिप नहीं जारी किया जा सकता है। इसका फायदा बीजेपी राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में उठाएगी।