चौ. रणजीत सिंह, नवीन जिंदल व अशोक तंवर सहित कई नेताओं को हो रहा विरोध
किसानों का आह्वान जिस प्रकार रोड़ पर किलें ठोक कर हमारा रास्ता रोका था अब वैसे ही गांवों के रास्ते इनके लिए बंद करें
चंडीगढ़, 30 अप्रैल। इस बार बीजेपी के प्रचार में किसानों के विरोध का ग्रहण लग गया है। बीजेपी के प्रत्याशियों का लगातार विरोध होने के कारण बीजेपी का प्रचार उठ नहीं पा रहा है।
हालांकि बीजेपी ने इस विरोध को कम करने के कई प्रयास कर लिए हैं पर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा।
पिछले कई दिनों से बीजेपी प्रत्याशियों को हिसार में चौ. रणजीत सिंह, सिरसा में डॉ. अशोक तंवर, कुरुक्षेत्र में नवीन जिंदल, भिवानी में धर्मवीर सहित कई संसदीय क्षेत्रों में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
कई जगहों पर किसान बीजेपी के नेताओं को काले झंडे भी दिखा रहे है।
किसानों के इस विरोध के चलते बीजेपी के प्रत्याशियों की नैय्या कैसे पार लगेगी इसको लेकर अब पार्टी आलाकमान चिंता में प्रतीत हो रहा है।
इतना ही बीजेपी के साथ हरियाणा में गठबंधन में रहे जननायक जनता पार्टी के नेताओं को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि जब गठबंधन के तहत जजपा सत्ता में थी तो किसानों की आवाज को क्यों बुलंद नहीं किया।
मोदी लहर के भरोसे संसद पहुंचने के लिए मैदान में उतरे बीजेपी प्रत्याशियों के किसानों के विरोध के आगे पसीने छूटने लगे है।
परिणाम जो आएंगे वो तो चार जून को मालूम पड़ेगा पर फिलहाल बीजेपी के प्रत्याशियों का जो विरोध हो रहा है उसके चलते मोदी लहर फिकी पड़ती नजर आ रही है।
किसानों का आरोप है कि किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने किसानों की मांगें मानने का आश्वासन दिया था पर अब तक मांगें पूरी नहीं की गई।
इतना ही नहीं जब किसान आंदोलन-2 के लिए किसान दिल्ली जा रहे थे तो बेरीकेट, कीलें, पत्थर लगा कर रास्ते रोक दिए गए और किसानों पर अत्याचार किए गए।
इसके विरोध में अब किसान बीजेपी प्रत्याशियों के प्रति रोष प्रकट कर अपनी आवाज उठा रहे है। बता दें कि अब भी पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर अब भी किसान धरने पर बैठे हुए है।