कालांवाली से बीजेपी के मजबूत प्रत्याशी हो सकते है डॉ. गंगासागर केहरवाला

केहरवाला | Khabrain Hindustan | कालांवाली | बीजेपी के मजबूत प्रत्याशी |

सिरसा, 16 जुलाई । डॉ. गंगासागर केहरवाला नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। तीन पीढियों से यह घराना राजनीति में है। खास बात यह है कि तीनों ही पीढ़ी ने साफ सुथरी राजनीति की है अब तक कोई लांछन नहीं लगा केहरवाला परिवार पर।

इसके उल्ट यदि कोई एक बार विधायक या चेयरमैन बन जाए तो अपनी चादर मैली कर बैठता है, पर केहरवाला परिवार में अब तक किसी प्रकार का कोई आरोप न लगना इस बात का प्रमाण है कि इस परिवार ने अपने लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा के लिए इस क्षेत्र (राजनीति) को चुना है।

स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व मंत्री स्वर्गीय चौ. केसरा राम के पोते व पूर्व विधायक एवं पूर्व चेयरमैन स्वर्गीय चौ. मनीराम के केहरवाला के बेटे डॉ. गंगासागर केहरवाला अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए काफी सक्रिय है।

चौ. केसरा राम ने वर्ष 1957 में सिरसा विधानसभा पहली बार विधायक बन कर जो लोगों का दिल

जीता उसके बाद वे 1962 व 1966 में डबवाली से विधायक बने और प्रदेश सरकार में मंत्री बने।

उसके मंत्रीत्व के कार्यकाल के चर्चे आज भी लोगों से सुनने मिलते हैं। उन्होंने जनहित के कामों को

ही हमेशा प्राथमिकता दी। उनके बाद उनके बेटे चौ. मनीराम केहरवाला ने चौ. केसरा राम की

राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किए। उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी

लड़ा। वर्ष 1991 में वे ऐलनाबाद से विधायक बने और हरको बैंक के चेयरमैन भी रहे। चौ. मनीराम

केहरवाला के निधन के बाद डॉ. गंगा सागर केहरवाला ने राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया और वे भाजपा में सक्रिय हो गए।

डॉ. गंगा सागर केहरवाला बताते हैं कि कालांवाली हलका से हमारा तीन पीढियों का रिश्ता है।

क्योंकि मेरे दादा चौ. केसरा राम जब डबवाली से दो बार विधायक बने तो यह क्षेत्र उस समय डबवाली हलके में आता था। इसी प्रकार मेरे पिता ने जो राजनीति की उसमें भी कालांवाली हलका शामिल रहा।

उन्होंने कहा कि वह पिछले दस साल से हलके में एक-एक गांव जाकर लोगों से निरंतर मिल रहे हैं। पार्टी टिकट देती है तो मुझे नहीं लगता कि कालांवाली हलका की एक भी गली मुझे किसी से पूछ कर पार करनी होगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी से कालांवाली से टिकट की मांग कर रहे हैं। राजनीति में चुनाव लड़े बगैर आगे बढ़ना संभव नहीं है। लोग साथ हैं तो चुनाव लडऩे से गुरेज करें भी क्यों?

उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से चुनाव लडऩे की पूरा तैयारी की हुई है। पार्टी टिकट देती है तो मैदान में ताकत के साथ उतरूंगा।
 
क्यों है डॉ. गंगा सागर की मजबूत दावेदारी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र निर्माण के लिए जिस नेता में जो गुण देखता है, उनमें भी सागर केहरवाला खरे उतरते हैं। सागर केहरवाला ने आर्य समाज पर पीएचडी. भी कर रखी है, साफ छवि के उच्च शिक्षित युवा हैं।

यह भी वर्णन करने योग्य है कि 2014 में राजेंद्र देसूजोधा को भाजपा ने मौका दिया था लेकिन भाजपा की लहर के बावजूद तीसरे नंबर पर रहे, इसी तरह 2019 में बलकौर सिंह को भाजपा ने मौका दिया लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बावजूद बलकौर सिंह तीसरे नंबर पर रहे।

इस कारण भी पार्टी अब युवा, उच्च शिक्षित व साफ छवि के सागर केहरवाला को मौका दे सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *