कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची एक बार फिर अटकी

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वायनाड चुनाव से फारिग होकर राहुल गांधी करेंगे सोनिया व खडग़े से चर्चा, उसके बाद ही हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी होने की संभावना


चंडीगढ, 25 अप्रैल। हरियाणा में लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रत्याशियों की सूची अटक गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा बार-बार मंथन करने के बाद भी सूची जारी नहीं होने से लोगों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है। हाल में सूची जारी होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार लिस्ट वायनाड इलेक्शन के कारण अटक गई है। क्योंकि राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां 26 अप्रैल को वोटिंग है। इसके बाद ही राहुल गांधी दिल्ली पहुंचेंगे और हरियाणा की अटकी हुई सूची को जारी करने के लिए वह हरियाणा कांग्रेस के प्रत्याशियों के नामों पर सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से चर्चा करेंगे, उसके बाद सूची जारी हो पाएगी।


चर्चा है कि हरियाणा की नौ सीटों के लिए कांग्रेस के नौ नामों के पैनल में अभी भी 3 सीटों पर विवाद की स्थिति बरकरार है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि राहुल गांधी इस मसले को लेकर अंतिम बार हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं से भी चर्चा कर सकते हैं। इसके बाद 28 या 29 अप्रैल के करीब हरियाणा कांग्रेस की लिस्ट जारी हो सकती है।


हरियाणा में लोकसभा टिकटों को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के पैनल में तीन सीटें ऐसी हैं, जिन पर एक से अधिक दावेदार हैं। पार्टी के नेता अपने-अपने दावेदारों को टिकट दिलाने की पैरवी करने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि अब टिकट नहीं मिलने के कारण दावेदार भी घर बैठ गए हैं। जिन टिकटों में विवाद हो रहा है उनमें भिवानी-महेंद्रगढ और गुरुग्राम भी शामिल है।

भिवानी-महेंद्रगढ सीट पर किरण चौधरी की बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी भी दावेदारी ठोक रही हैं। इनकी टिकट के लिए कुमारी सैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला जोर लगा रहे हैं। इसी प्रकार कांग्रेस के विधायक राव दान सिंह के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्ड़ा मजबूती से पैरवी कर रहे हैं।

श्रुति चौधरी को टिकट दिलाने के लिए विधायक किरण चौधरी भी दिल्ली पहुंची थी, जहां उन्होंने सोनिया गांधी से श्रुति की टिकट को लेकर चर्चा की थी। हालांकि वहां से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला था। जिसके बाद वह अब घर बैठ गई हैं।


भिवानी-महेंद्रगढ से टिकट कटने की चर्चाओं के बीच बुधवार को पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली कि यहां से डी नाम का उम्मीदवार हारेगा। इससे चर्चा शुरू हो गई कि श्रुति का निशाना उनके खिलाफ कांग्रेस टिकट के दावेदार राव दान सिंह हैं।

हालांकि बवाल मचते ही श्रुति चौधरी ने स्पष्ट किया कि यहां डी का मतलब भाजपा के प्रत्याशी धर्मबीर हैं। लेकिन तब तक कांग्रेस के भीतर भी इसको लेकर हंगामा मच गया था। जिसके बाद श्रुति चौधरी ने यह पूरी पोस्ट ही डिलीट कर दी।

इसी प्रकार गुरुग्राम सीट को लेकर बवाल मचा हुआ है। यहां से टिकट के दावेदार कैप्टन अजय यादव हैं, लेकिन राज बब्बर को उम्मीदवार बनाने की चर्चा है। इस पर कैप्टन अजय यादव ने कहा है कि राज बब्बर से मुझे तकलीफ नहीं है, लेकिन क्या राज बब्बर ने 5 साल गुरुग्राम में मेहनत की है।

उन्होंने कहा कि फिल्म स्टार लाना है तो रणबीर या ऋ तिक रोशन को ले आओ।
रोहतक सीट से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा की टिकट फाइनल मानी जा रही है, परंतु पार्टी का एक ग्रुप चाहता है कि भूपेंद्र हुड्‌डा यहां से चुनाव लडें। इसकी वजह दीपेंद्र के लोकसभा चुनाव जीतने की सूरत में राज्यसभा सीट भाजपा के खाते में जाने की संभावना है। कांग्रेस भूपेंद्र हुड्‌डा की पत्नी आशा हुड्‌डा को लेकर भी चर्चा कर रही है।


हरियाणा में कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा नहीं का अब असर भी दिखने लगा है। कांग्रेस राज्य में 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड रही है। एक कुरुक्षेत्र सीट समझौते के तहत आम आदमी के खाते में गई है।


इसी प्रकार कुमारी सैलजा की सिरसा सीट से टिकट तय मानी जा रही है, लेकिन अंबाला से भी उनकी दावेदारी है। बाकी 7 सीटों पर नेता अब घर बैठकर टिकट की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।


हुड्‌डा और सैलजा-सुरजेवाला के बीच टिकट को लेकर असहमति देख सोनिया गांधी के कहने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने सब कमेटी बनाई। जिसमें केसी वेणुगोपाल, मधुसूदन मिस्त्री और सलमान खुर्शीद को रखा गया। इस कमेटी ने मीटिंग बुलाई लेकिन सैलजा-सुरजेवाला उसमें नहीं गए। जिसके बाद उन्होंने रिपोर्ट खडगे को सौंपी लेकिन अंतिम फैसला फिर भी नहीं हो पाया।


कांग्रेस द्वारा टिकटों को लेकर किए जा रहे लंबे मंथन व आपसी गुटबाजी के चलते लोगों में भी अब चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा है। क्योंकि भाजपा के प्रत्याशी अब प्रचार के दौरान जनता के बीच जा कर कहने लगे है कि कांग्रेस पार्टी प्रत्याशियों को मैदान में उतारने से डर रही है।

इसको लेकर कांग्रेस का लाभ हो रहा है या नुकसान ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर फिलहाल कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा में हो रही देरी से कांग्रेस कार्यकार्ताओं को लोगों की तरफ से तरह-तरह की बातें सुनाई जा रही है।

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