सिरसा, 13 सितंबर। चुनाव लडऩा और उसके बाद जीत हासिल करने साधारण आदमी का खेल नहीं है। जी हां यह बात हम नहीं कहते बल्कि ये सब आंकडे बयां कर रहे हैं।
इसका उदाहरण 2019 के चुनावों में से लिया जा सकता है। वर्ष 2019 के चुनावों में 1146 लोगों ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए नामांकन किया था,
जिसमें से 118 लोगों पर क्रिमिनल केस दर्ज थे और खास बात 70 पर गंभीर केस दर्ज थे। इसी प्रकार इन आवेदनों में से 486 कैंडिडेट करोड़पति थे।
बात अगर सफल होने वाल यानी विधानसभा चुनाव जीतने वालों की करें तो 90 में से 12 लोग ऐसे जीत गए जिन पर क्रिमिपन केस दर्ज थे और 84 विधायक ऐसे बने जो करोड़पति थे।
2019 की विधानसभा में 62 विधायक ग्रेजुएट या इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले बने। तीन विधायक ऐसे भी बन गए जो दसवीं पास भी नहीं थे।
करोड़पतियों की बात छोड़ो दो विधायक कुलदीप बिश्नोई और बलराज कूंडू तो अरबपति थे। यह तो बात रही 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनावों की पर इस बार भी स्थिति कुछ भिन्न नहीं है।
इस बार जो प्रत्याशी टक्कर देने की स्थिति में उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक करोड़पति ही हैं। इसी प्रकार क्रिमिनल केस वाले कैंडिडेटों की संख्या भी 2019 के अनुपात के आसपास ही है।
अब नामांकन वापिसी के बाद ही आंकडों के अनुसार बताया जा सकता है कि कितने कैंडिडेट करोड़पति हैं और कितने पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
फिलहाल हरियाणा विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए 1745 प्रत्याशी मैदान में हैं। स्क्रूटनिंग और नामांकन वापिसी के बाद मैदान में शेष रह जाने वाले प्रत्यशियों में कितने करोड़पति व क्रिमिनल केस वाले प्रत्याशी डटे रह जाते हैं इसका आंकडा 16 सितंबर के बाद ही दिया जा सकेगा।