नई दिल्ली (Khabrain Hindustan): भारत में देश भर में FIITJEE कोचिंग संस्थानों की अचानक बंदी ने हजारों छात्रों को असमंजस में डाल दिया है। यह घटनाक्रम कई महत्वपूर्ण शहरों में हुआ है, जिनमें नोएडा, मेरठ, गाज़ियाबाद, लखनऊ, वाराणसी, भोपाल, पटना और दिल्ली का लक्ष्मी नगर प्रमुख हैं।
इन कोचिंग सेंटरों की बंदी ने छात्रों और उनके परिवारों को गंभीर संकट में डाल दिया है, खासकर उन छात्रों के लिए जो आगामी JEE (जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन) और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।
FIITJEE केंद्रों की अचानक बंदी: क्या है वजह?
FIITJEE के इन संस्थानों को बंद करने के पीछे का प्रमुख कारण शिक्षकों का इस्तीफा और वेतन का भुगतान न होने की वजह से उत्पन्न हुआ संकट बताया जा रहा है। कई शिक्षकों ने संस्थान से इस्तीफा दे दिया क्योंकि उन्हें महीनों से वेतन का भुगतान नहीं हुआ था और उन्हें बेहतर अवसरों की तलाश थी।
मुख्य कारण:
- शिक्षकों के इस्तीफे – FIITJEE संस्थान में लंबे समय से वेतन भुगतान में देरी हो रही थी, जिसके कारण शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया।
- बेटर जॉब अवसर – कई शिक्षक FIITJEE को छोड़कर बेहतर नौकरी की तलाश में थे, जिससे पढ़ाई का स्तर प्रभावित हुआ।
- अचानक बंदी – संस्थान ने बिना किसी सूचना के केंद्रों को बंद कर दिया, जिससे छात्रों को किसी भी वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।
क्या हैं छात्रों और अभिभावकों की परेशानियां?
FIITJEE के बंद होने से छात्रों और उनके अभिभावकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि छात्रों को ना तो कक्षाएं मिल रही हैं और ना ही उनके द्वारा दी गई फीस का कोई रिफंड किया जा रहा है।
अभिभावकों की चिंताएं:
- कोचिंग बंद होने से परीक्षा की तैयारी पर असर – FIITJEE के छात्रों की तैयारी बाधित हो गई है, जो आने वाली JEE और अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
- रिफंड नहीं मिल रहा – लाखों रुपये की फीस जमा करने के बावजूद छात्रों को अभी तक कोई रिफंड नहीं मिला है, जिससे अभिभावकों में नाराजगी और चिंता बढ़ रही है।
- विकल्पों की कमी – छात्रों के पास अब FIITJEE जैसे प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान का विकल्प नहीं है, और उनकी परीक्षा की तैयारी पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
FIITJEE के बंद होने से क्या होगा?
इस बंदी से न केवल छात्रों की भविष्यवाणी प्रभावित हो रही है, बल्कि कोचिंग संस्थान की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, FIITJEE की ओर से अभी तक इस मामले में कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए यह एक बड़ा झटका है।
परीक्षाओं की तैयारी पर असर:
- JEE की तैयारी में देरी – जिन छात्रों ने FIITJEE से तैयारी की थी, उनकी परीक्षा से पहले की तैयारी पर बड़ा असर पड़ा है।
- वैकल्पिक कोचिंग केंद्रों की तलाश – छात्र अब दूसरे संस्थानों का रुख कर रहे हैं, लेकिन इन्हें पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो सकती है।
क्या FIITJEE को एक्शन लेना चाहिए था?
बिना किसी पूर्व सूचना के संस्थान द्वारा अचानक बंदी लेना, खासकर जब छात्रों की परीक्षा नजदीक हो, एक गंभीर निर्णय है। छात्रों और उनके अभिभावकों का मानना है कि FIITJEE को पहले छात्रों को सही मार्गदर्शन
और वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करनी चाहिए थी। इसके साथ ही, संस्थान को वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने शिक्षकों को समय पर वेतन देने की जरूरत है।
क्या समाधान हो सकता है?
- अर्थिक मुआवजा और रिफंड – FIITJEE को छात्रों को उनके द्वारा जमा की गई फीस का उचित रिफंड देना चाहिए, ताकि छात्रों का नुकसान कम हो सके।
- अस्थायी कोचिंग व्यवस्था – छात्रों के लिए अस्थायी कोचिंग क्लासेस की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि उनकी परीक्षा की तैयारी जारी रह सके।
- पारदर्शिता और जवाबदेही – FIITJEE को छात्रों और अभिभावकों के सामने पूरी पारदर्शिता के साथ जवाबदेही निभानी चाहिए और जल्द ही इस मामले का समाधान करना चाहिए।
निष्कर्ष
FIITJEE के कई केंद्रों की अचानक बंदी ने छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए कई समस्याएं उत्पन्न की हैं। हालांकि यह स्थिति अत्यधिक निराशाजनक है, लेकिन इसे सुलझाने के लिए सही कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
आने वाले दिनों में अगर संस्थान अपनी जिम्मेदारी समझते हुए छात्रों को पर्याप्त समय और वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया कराता है, तो यह स्थिति सुधर सकती है।