सिरसा, 23 फरवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने अधिकारियों की मनमानी और सरकारी नीयत में खोट के चलते आयुष्मान भारत और चिरायु योजना गरीबों के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले कार्ड बनवाने के लिए धक्के खाने होते है और बाद में अस्पताल मरीज का कार्ड से उपचार करने से मना कर देते है।
अस्पतालों के बिलों का भुगतान 15 दिन में करने का प्रावधान है पर छह छह माह तक भी भुगतान नहीं किए जा रहे है अगर किए गए तो उनमें 50 से 90 प्रतिशत तक की मनमानी कटौती की जा रही है। ऐसे में सरकार कैसे भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन की बात करती है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा के भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का फ्री इलाज प्रदेशवासियों के लिए जी का जंजाल बन चुका है
पहले तो गरीबों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय तक कार्ड बनवाने के लिए महीनों तक चक्कर काटने पड़ते हैं, उसके बाद इलाज के लिए अस्पतालों के धक्के खाने पड़ते हैं। यदि इतने के बाद किसी को इलाज मिल भी गया तो सरकार भुगतान के लिए एक लंबा वक्त लेती है हालांकि अनुबंध के मुताबिक मरीज की छुट्टी के पंद्रह दिन बाद अस्पताल को भुगतान किया जाना चाहिए, उसके बाद हुई देरी में भुगतान ब्याज सहित करना होता है लेकिन ब्याज तो दूर मूल राशि में भी मनमाने तरीके से कटौती की जा रही है। जिस वजह से कार्ड धारकों के इलाज से निजी अस्पताल कतरा रहे हैं।
केंद्र सरकार अपने जुमलों में आयुष्मान भारत और चिरायु योजना का जि़क्र करना नहीं भूलती लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन को एकदम भूल चुकी है। जनता के बीच ये आम चर्चा है कि चाहे कोई भी विभाग हो भाजपा सरकार घोटाला और घपला करने का कोई न कोई तरीका निकाल ही लेती है।
उन्होंने कहा है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) इस पर कड़ी आपत्ति जता चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जो आयुष्मान भारत और चिरायु योजना का संचालन देख रहे है वे छह छह माह तक बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं और करते भी है तो मनमाने ढंग से 50 से 90 प्रतिशत तक की कटौती करते हैं।
इन दोनों योजनाओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सस्ते ईलाज की गारंटी बताया जा रहा है पर इस गारंटी को अधिकारियों ने ताक पर रख दिया है। उधर आईएमए हरियाणा सरकार को चेतावनी दे चुका है कि अगर समय पर बिलों का भुगतान और बिलों में कटौती बंद न की गई तो वे इन दोनों योजनाओं के तहत इलाज करना ही बंद कर देंगे।