एक गुट ने उप चुनाव के लिए मैदान में उतारा प्रत्याशी तो दूसरे गुट ने की बीएसपी के प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा
चंडीगढ़, । पंजाब का सबसे शक्तिशाली माना जाने वाला शिरोमणि अकाली दल अब आपसी मतभेदों में उलझ कर हाशिए पर पहुंच चुका है।
कभी पार्टी हाईकमान के खिलाफ पार्टी के सीनियर नेता अगल से बैठक करते हैं तो कभी शिअद नेताओं के बगावती सुर पार्टी को तोड़ने का काम कर रहे हैं।
अब शिरोमणि अकाली दल ने आधिकारिक तौर पर अपनी उम्मीदवार सुरजीत कौर का समर्थन न देने का ऐलान कर दिया है। चंडीगढ़ में वीरवार को शिअद की हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जालंधर वेस्ट में बसपा प्रत्याशी का समर्थन किया जाएगा। अकाली दल का बीएसपी के साथ गठबंधन है।
डॉ. चीमा ने कहा कि बीबी जागीर कौर और पूर्व अकाली विधायक गुरप्रीत सिंह वडाला ने पार्टी से बिना पूछे ही उम्मीदवार बना दिया है।
ऐसी स्थिति में हम उपचुनाव में सुरजीत कौर का समर्थन नहीं करेंगे। सिलेक्शन कमेटी के सदस्य व अकाली दल विधायक डॉ. सुखविंदर सुक्खी ने बताया कि जिस दन जालंधर में चयन कमेटी की बैठक हो रही थी,
तभी सुखबीर बादल का बीबी जगीर कौर को फोन आ गया था। जिसमें सुखबीर बादल ने स्पष्ट कर दिया था कि जालंधर वेस्ट सीट बहुजन समाज पार्टी की है और अकाली दल उन्हें ही समर्थन करेगी।
बता दें कि पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनावों में औंधे मुंह गिरे शिरोमणि अकाली दल में चुनावों के तुरंत बाद ही कई नेता बगावती तेवर दिखाने लग गए थे।
प्रकाश सिंह बादल की मौत के बाद सीनियर नेताओं को सुखबीर बादल के नेतृत्व को स्वीकार करना सुखद नहीं लग रहा था। पार्टी में अब बगावत खुल कर सामने आ गई है।
यहां तक कि पार्टी सुप्रीमो के खिलाफ जाकर पार्टी के अन्य नेताओं ने अकाली दल का उम्मीदवार जालंधर उप चुनाव में उतार दिया है।